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गौमूत्र का सेवन आज क्यों आवश्यक है | शरीर मे जमे जहर या कृत्रिम रसायन ( मनुष्य निर्मित कैमिकल ) को शरीर से गोमुत्र द्वारा निकाला जा सकता है। गौमूत्र के फायदे Gomutra ke fayade
गोमूत्र: आधुनिक युग में आयुर्वेदिक रत्न | शरीर के लिए अमृत और विषहर
आजकल के तेजी से बदलते जीवनशैली और पर्यावरण की प्रदूषण से लड़ने के लिए, हमें अपने स्वास्थ्य की देखभाल में नए और प्राकृतिक तरीकों की तलाश हो रही है। इसी तरह की एक प्राकृतिक औषधि है गौमूत्र, जिसे आयुर्वेद में “गोमुत्र” के रूप में जाना जाता है। यह पवित्र और प्राकृतिक तरीके से शरीर के लिए अमृत के साथ-साथ विषहर के रूप में भी जाना जाता है। इस लेख में, हम देखेंगे कि गौमूत्र के सेवन के क्या-क्या फायदे होते हैं और कैसे यह शरीर से विषाक्ति करने में मदद कर सकता है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी की उन्नति के साथ, मानव समाज ने अनगिनत उपलब्धियों को प्राप्त किया है, लेकिन इसके साथ ही नए प्रकार के स्वास्थ्य संकटों का सामना भी कर रहा है। आधुनिक जीवनशैली, प्रदूषण, औषधीय रसायन, और कृत्रिम तत्वों के उपयोग के कारण मानव शरीर को असामर्थ्य की ओर ले जा रहे हैं। इस संदर्भ में, आयुर्वेद का महत्व और गोमूत्र की महत्वपूर्ण भूमिका पर विचार करना महत्वपूर्ण है।
आयुर्वेद में गोमूत्र का महत्व अत्यधिक है। यह कहा जाता है कि “गोमूत्र त्रिदिन स्थाप्य विष तेन विशुद्धयति”। इसका मतलब है कि गोमूत्र का सेवन करने से शरीर में जमे जहर या कृत्रिम रसायनों को निष्कासित किया जा सकता है। गोमूत्र के बारे में आयुर्वेद में यह विशेष वर्णन दिया गया है कि इसमें शरीर के लिए अनेक प्रकार के पोषक तत्व होते हैं, जो विष और जैनम प्रभाव को शमन करने में सहायक होते हैं।
अदितिद्यौर्रदितिरन्तरिक्षमदितिर्माता स पिता स पुत्रः। विश्वे देवा अदितिः पच्च जना अदितिर्जातमदितिर्जन्तिवम् ।।
ऋग्वेद 1.89.10 अर्थात् अदिति ही श्लोक है, अदिति ही अंतरिक्ष है, अदिति ही माता है, अदिति ही पिता है, अदिति ही पुत्र तथा अदिति ही समस्त देवता है, अदिति ही अतीतकालीन वस्तु समूह और भविष्य में होनेवाला सब कुछ भी अदिति है। सम्पूर्ण सृष्टि की आश्रय गाय है, सम्पूर्ण सृष्टि का शुद्धिकरण गाय है। गोबर लीपने या घर मे रखने से आज के सारे उपद्रवों के मूल को गोबर मिटा देता है, जैसे महाभारत में इंद्र के कोप करने पर परमात्मा श्रीकृष्ण ने गोबर की बनी छत से सबकी रक्षा की, इंद्र का कोप रेडियो विकिरण, आकाशीय बिजली, आणविक आपदाएं, कृत्रिम रसायन से बचाया था।
गंग वास गोमूत्र में विषहर कर जो पान।
केसो भी हो विष भला तीन दिवस मिट जान ।।
अथार्त गोमुत्र में गंगा जी का वास है, गौमुत्र को लेने से कैसा भी विष ( प्राकृतिक विष – अहिफेन, भाँग, धतूरा, कोकीन, कुचला, वत्सनाभ, तम्बाकू, कनेर, गूंजा, भल्लतक, आक, जयफल, अरंडी, सर्प विष, मकड़ी विष, चूहे व छिपकली विष, प्राकृतिक मैटेलिक विष एवम आप्रकृतिक विष कृत्रिम रसायन वे रसायन हैं जो मनुष्यों द्वारा बनाए जाते हैं और प्रकृति में नहीं पाए जाते हैं। जैसे – पॉलीथीन, पर्यावरण विष(मिट्टी, पानी, अग्नि, वायु) मैटेलिक विष, फ़ूड प्रजर्वेटिव कैमिकल , मोबाइल रेडिएशन, कृत्रिम कैमिकल विष के प्रभाव को तीसरे दिन से विष नष्ट होने लगता है। लंकेश्वर पति रावण ने गौमुत्र की जिगह गौर्क का प्रेयोग किया, जबकि आयुर्वेद में भी विष युक्त औषधियों व दूषित औषधियों को गौमूत्र में शोधन करने विधान बतलाया है।
गोमुत्र त्रिदिन स्थाप्य विष तेन विशुद्धयति ।।
अर्थात् किसी भी औषध का अमृतीकरण गौमूत्र से किया जाता है, कैसा भी विष क्यों न हो गौमुत्र में मात्र तीन दिन तक पड़े रहने से शुद्ध हो जाता है। आज हम कैमिकल, कचरा या जहर खा पी रहे है। आज हर चीज़ में जहर है, हर चीज में प्लास्टिक है। जब तक हमारे शरीर मे जहर रहेगा तब तक हम बीमारियों से मुक्त नही हो सकते। गोमूत्र पीने से इस जहर को शरीर से निकाला जा सकता है। गौमूत्र पीने से शरीर मे आये WiFi Redision जैसी विकिरणों से बचा जा सकता है। हमारे वेदों में 20000 श्लोकों में से 3300 श्लोक गाय पर आधारित है।
गौमूत्र का उपयोग और गौमूत्र के फायदे
आज के दौर में, हमें अपने स्वास्थ्य की देखभाल के लिए आयुर्वेद के औषधियों के प्रति और खासकर गोमूत्र के प्रति अधिक गंभीरता और जागरूकता होनी चाहिए। इसका सेवन करके हम अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ कर सकते हैं और आधुनिक जीवनशैली के दुष्प्रभावों से बच सकते हैं। गोमूत्र के सेवन से हम अपने शरीर को प्राकृतिक रूप से शुद्ध कर सकते हैं और नए स्वस्थ जीवन की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।
विष निकालना: गौमूत्र पीने से कृत्रिम रसायनों (मनुष्य निर्मित कैमिकल्स) का निष्कासण किया जा सकता है। इससे शरीर में जमे जहर को हटाने में मदद मिलती है।
प्राकृतिक रूप से शरीर की सफाई: गौमूत्र का नियमित सेवन करने से शरीर की सफाई होती है और रोगों से बचाव में मदद मिलती है।
वायरल रेडिएशन का संरक्षण: गौमूत्र पीने से शरीर में आने वाले WiFi रेडिएशन जैसे विकिरणों के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
प्राकृतिक विष से बचाव: गौमूत्र से कृत्रिम रसायनों के प्रभाव को नष्ट किया जा सकता है, जैसे कि प्लास्टिक, कीटनाशक दवाएं, और कृत्रिम कैमिकल्स।
गोमूत्र के महत्व
आयुर्वेद में गोमूत्र को एक महत्वपूर्ण औषधि और रक्षक के रूप में देखा जाता है और आधुनिक युग में भी हमें इसके महत्व को समझना चाहिए। गोमूत्र का सेवन करने से हम अपने स्वास्थ्य को सुदृढ़ कर सकते हैं और पर्यावरण के साथ एक हारमोनियस संबंध बना सकते हैं। इसके साथ ही, हम अपने पास्ट को भी याद दिला सकते हैं कि गोमूत्र ने महाभारत काल में भी मानव समुदाय को अपातकालिक आपदाओं से बचाया था। इसलिए, गोमूत्र का सेवन न केवल आयुर्वेदिक दृष्टि से बल्कि मानवता के लिए भी आवश्यक है, ताकि हम अपने आधुनिक जीवन को स्वस्थ और सुखमय बना सकें।
महाभारत काल में, गोमूत्र के महत्व का एक और उदाहरण दिया गया है। जब इंद्र के कोप करने पर दिव्य आपदाओं का सामना करना पड़ा, तो गोबर की छत से सबकी रक्षा की गई थी। इससे हमें यह सिखने को मिलता है कि गोमूत्र न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बल्कि पर्यावरण और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है।
आज के दौर में, हमें अपने स्वास्थ्य की देखभाल के लिए आयुर्वेद के औषधियों के प्रति और खासकर गोमूत्र के प्रति अधिक गंभीरता और जागरूकता होनी चाहिए। इसका सेवन करके हम अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ कर सकते हैं और आधुनिक जीवनशैली के दुष्प्रभावों से बच सकते हैं। गोमूत्र के सेवन से हम अपने शरीर को प्राकृतिक रूप से शुद्ध कर सकते हैं और नए स्वस्थ जीवन की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।
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संक्षेप में
गौमूत्र का सेवन आज के जीवन में एक महत्वपूर्ण और प्राकृतिक उपाय हो सकता है। इसके प्राकृतिक गुणों का उपयोग करके हम अपने शरीर को विषाक्ति से बचा सकते हैं और स्वस्थ जीवनशैली की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। आयुर्वेद में गौमूत्र को अमृत और विषहर के रूप में माना जाता है, और इसका उपयोग रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने और स्वस्थ जीवन की दिशा में किया जा सकता है। इसलिए, गौमूत्र का सेवन आज के प्लास्टिक और कैमिकल युग में महत्वपूर्ण हो सकता है।
ध्यान दें कि हमें इसे डॉक्टर की सलाह और आयुर्वेदिक विशेषज्ञ के साथ साथ करना चाहिए, ताकि इसका सही और सुरक्षित उपयोग हो सके। गौमूत्र के सही सेवन के बावजूद यदि कोई भी असामान्य लक्षण या समस्या दिखाई दे, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
गौमूत्र एक प्राकृतिक औषधि है जिसमें अनेक गुण होते हैं। इसका सेवन हमारे शरीर को विष से मुक्ति दिलाने के साथ-साथ हमारे पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। इसलिए, हमें अपने जीवनशैली में गौमूत्र को शामिल करने का प्रयास करना चाहिए ताकि हम स्वस्थ और प्राकृतिक जीवन का आनंद उठा सकें।