गुरु किसे बनाना चाहिये…..?

गुरू का अर्थ श्रद्धा होता है। गुरु या आत्मा एक ही सिक्के के दो पहलू होते है, योग में गुरु को आत्मा का मार्गदर्शक कहा गया है। महत्वपूर्ण यह नही की हम गुरु बनाएं, हमारे लिये महत्वपूर्ण है, जिस पर हमारी पूर्ण श्रद्धा हो, उसी को गुरु को गुरु बनाएं, फिर चाहे वह धूल का कण ही क्यों न हो, अगर आप पर कोई गोली चलाये, तो यही धूल का कण हवा की सहायता से उड़कर गोली को खाकर गोली की दिशा बदल देगा। आत्मा का यही से मार्ग खुलता है…